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गणितज्ञ रत्नेश कुमार कौन है| रत्नेश कुमार शाक्य का जीवन परिचय [Ratnesh shakya kaun hai|Ratnesh shakya biography in Hindi]

गणितज्ञ रत्नेश कुमार शाक्य कौन है|रत्नेश शाक्य का जीवन परिचय [Ratnesh shakya kaun hai|Ratnesh shakya biography in Hindi]


गणितज्ञ रत्नेश कुमार शाक्य कौन है|रत्नेश शाक्य का जीवन परिचय
गणितज्ञ रत्नेश कुमार


*गणितज्ञ रत्नेश कुमार* मैनपुरी से अंतरराष्ट्रीय मंच तक विभाज्यता के महासूत्र के नवाचारी शिक्षक-


गणित को अक्सर एक जटिल और भयावह विषय माना जाता है, लेकिन कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो इसे सरल, तर्कपूर्ण और जीवन से सम्बन्धित बना देते हैं। ऐसे ही समर्पित शिक्षक हैं रत्नेश कुमार उर्फ रत्नेश शाक्य, जिन्होंने अपनी मेहनत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से “विभाज्यता का महासूत्र” खोजकर गणित की शिक्षा में अभूतपूर्व क्रांति लाई है।

गणित को अक्सर एक कठिन और नीरस विषय के रूप में देखा जाता है। बहुत से विद्यार्थी इसे केवल अंकों और सूत्रों की दुनिया समझते हैं, जिसे समझना और याद रखना मुश्किल होता है। लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जो गणित को सरल, रोचक और जीवन से जुड़ा हुआ बनाने का प्रयास करते हैं। रत्नेश शाक्य (रत्नेश कुमार शाक्य) ऐसे ही एक शिक्षक और गणितज्ञ हैं जिन्होंने अपने अथक परिश्रम और शोध के बल पर “विभाज्यता का महासूत्र” नामक अद्भुत सूत्र प्रस्तुत किया है। यह सूत्र गणित के क्षेत्र में एक अनूठा योगदान है और छात्रों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो रहा है।

इस लेख में हम आपको रत्नेश शाक्य के बारे में बताने जा रहे है।गणितज्ञ रत्नेश कुमार कौन है।रत्नेश कुमार शाक्य कौन है, रत्नेश कुमार कौन है,विभाज्यता का महासूत्र क़िसने  दिया है, गणितज्ञ रत्नेश कुमार कौन है, गणितज्ञ रत्नेश शाक्य ने किसकी खोज की है,रत्नेश कुमार शाक्य क्या है,रत्नेश शाक्य का जीवन परिचय।विभाज्यता के महासूत्र की खोज किसने की है।Ratnesh Shakya kaun hai।Ratnesh Kumar Kaun है।Ratnesh Kumar shakya kon hai।Maths Teacher Ratnesh shakya kaun hai, Teacher Ratnesh kumar Shakya ne kiski khoj ki hai,Ratnesh Shakya Biography in Hindi के साथ इसने सम्बंधित अन्य जानकारी भी मिल जाएगी।

इस पोस्ट के मुख्य बिंदु निम्न है-

  • रत्नेश कुमार का सामाजिक संस्कारों से प्रेरित प्रारंभिक जीवन

  • रत्नेश कुमार की बहुआयामी शिक्षा और सक्रियता

  • रत्नेश शाक्य का शिक्षा के प्रति समर्पण और नवाचार

  • वैश्विक पहचान पाने वाला नवाचार: “विभाज्यता का महासूत्र”

  • शिक्षा में नवाचार का सामाजिक और राज्य स्तरीय विस्तार

  • सम्मान और पुरस्कार

  • प्रेरणा और योगदान

  • रत्नेश कुमार शाक्य का संपर्क सूत्र


रत्नेश शाक्य कौन है| गणितज्ञ रत्नेश कुमार का जीवन परिचय



रत्नेश कुमार का सामाजिक संस्कारों से प्रेरित प्रारंभिक जीवन-


5 जून 1983 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद के कस्बा भोगांव में जन्मे रत्नेश कुमार के स्वभाव में बचपन से ही शिक्षा और सामाजिक सेवा की गहरी छाप थी। उनके पिता, श्री हरीराम शाक्य, जो अंग्रेजी और गणित के शिक्षक थे, भोगांव विधानसभा में विधायक भी रह चुके हैं, जबकि मां, श्रीमती शारदा देवी शाक्य, संगीत शिक्षिका हैं। परिवार की यह शिक्षित और समाजसेवी पृष्ठभूमि रत्नेश जी को तर्कशीलता, अनुशासन और नवाचार की राह पर अग्रसर करती रही। वे परिवार के आठ सदस्यों में सबसे छोटे हैं और प्रारंभ से ही गणित में गहरी रुचि का प्रदर्शन करते आए हैं।


गणितज्ञ रत्नेश कुमार उत्तर प्रदेश मैनपुरी के गणित शिक्षक और विभाज्यता का महासूत्र के खोजकर्ता हैं। उन्होंने गणित को आसान और रोचक बनाने के लिए नया सूत्र विकसित किया, जो छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी है।

              
रत्नेश शाक्य मैनपुरी के एक गणितज्ञ और गणित शिक्षक हैं, जिन्होंने ARP (Academic Resource Person) परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्हें गणित में 'महासूत्र' की रचना करने और गणितीय दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए जाना जाता है। वह एक शिक्षक और गणितज्ञ के रूप में गणितीय दुनिया में सक्रिय हैं।








रत्नेश कुमार की बहुआयामी शिक्षा और सक्रियता-

रत्नेश कुमार ने तकनीकी, प्रबंधन और शिक्षण के क्षेत्रों में महारत हासिल की।रत्नेश शाक्य की शिक्षा यात्रा भी उतनी ही प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने विद्यालयी और उच्च शिक्षा स्तर पर गणित को गंभीरता से पढ़ा और समझा।

  • सबसे पहले उन्होंने B.E. (Electronics & Communication Engineering) से तकनीकी दक्षता की पढ़ाई पूरी की।

  • इसके बाद उन्होंने प्रबंधन कौशल की पढ़ाई करते हुए MBA (Master of Business Administration) IT & Marketing) किया।

  • शिक्षण के प्रति अपने जुनून और विद्यार्थियों को पढ़ाने की लगन के कारण उन्होंने B.Ed (Bachelor of Education) भी पूरा किया।

  • वर्तमान में परास्नातक स्तर पर गणित विषय की पढ़ाई कर रहे हैं।


इन डिग्रियों ने उन्हें न केवल तकनीकी और प्रबंधन का ज्ञान दिया, बल्कि शिक्षण के क्षेत्र में भी एक मजबूत आधार प्रदान किया।इन विभिन्न क्षेत्रों की शिक्षा के संगम से उनका व्यक्तित्व पूर्ण रूप से द्वन्द्व rationality और creativity का जीवंत उदाहरण है।


रत्नेश शाक्य का शिक्षा के प्रति समर्पण और नवाचार-


विद्यार्थियों को गणित से प्रेम हो, यही लक्ष्य लेकर रत्नेश कुमार ने 22 सितंबर 2015 से पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जगतपुर, सुल्तानगंज, मैनपुरी में शिक्षण कार्य शुरू किया।


उनकी शिक्षा पद्धति सरल, व्यावहारिक और नवाचारी रही। वे न केवल गणित पढ़ाते हैं, बल्कि इसे समझने और जीवन से जोड़ने पर जोर देते हैं। वर्तमान में वे ARP (Academic Resource Person) के रूप में उत्तर प्रदेश में शिक्षक प्रशिक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, जहां वे नवीनतम शिक्षण संशाधनों का निर्माण करते हैं और राज्य स्तरीय शिक्षण सुधारों के लिए मॉडल प्रस्तुत करते हैं।


उनकी शिक्षण शैली सरल, व्यावहारिक और तर्कपूर्ण होती है। वे विद्यार्थियों को यह विश्वास दिलाते हैं कि गणित कठिन नहीं है, बल्कि अगर सही तरीके से समझा जाए तो यह सबसे रोचक विषयों में से एक है।

रत्नेश शाक्य



Ratnesh Kumar Shakya
विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट निखिल प्रकाशन समूह आगरा द्वारा राष्ट्र गौरव सम्मान प्राप्त करते हुए गणितज्ञ रत्नेश कुमार


रत्नेश कुमार शाक्य को सम्मानित किया गया
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मा0 केशव प्रसाद मौर्य जी ने गणितज्ञ रत्नेश कुमार को सम्मानित किया



वैश्विक पहचान पाने वाला नवाचार: “विभाज्यता का महासूत्र”-


पारंपरिक गणित शिक्षण में विभाज्यता के अनेक जटिल नियम होते हैं जो विद्यार्थियों के लिए बोझ बन जाते हैं। वर्षों की शोध के बाद रत्नेश कुमार ने प्रस्तुत किया विभाज्यता का महासूत्र — एक सरल, सार्वभौमिक सूत्र जो किसी भी संख्या के लिए विभाज्यता का नियम सेकंडों में बना देता है।


सूत्र:- (10−U)×r+u×(R+1)



यहाँ-


RU = भाजक (Divisor)


U = भाजक का इकाई अंक (Unit digit of divisor)


R = भाजक के शेष अंक (Remaining digits of devisor)


ru = भाज्य (Dividend)


u = भाज्य का इकाई अंक (unit digit of dividend)


r = भाज्य के शेष अंक (remaining digits of dividend)


इस सूत्र से गणितीय समस्याएं समाधान में सरलता आई है, विशेषकर प्रतियोगी परीक्षाओं में समय की बचत।साथ ही, उन्होंने “दशक नियम”, “विभाज्यता का तीव्रतम महासूत्र”, “संख्या बटे शून्य का मान” और “सबसे छोटी संख्याएं लिखने के रत्नेश के तर्क” जैसे कई गणितीय नवाचार भी प्रकाशित किए हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में इन पर लिखी गई उनकी पुस्तकें भारत सरकार के कॉपीराइट विभाग से प्रमाणित होकर 181 देशों में मान्य हैं, जिससे इनके वैश्विक महत्व की पुष्टि होती है।


गणित में विभाज्यता (Divisibility) एक महत्वपूर्ण विषय है। सामान्यत: विद्यार्थियों को अलग-अलग संख्याओं (2, 3, 5, 7, 11, 13 आदि) के लिए अलग-अलग नियम याद करने पड़ते हैं।यही कठिनाई देखकर रत्नेश शाक्य ने वर्षों तक मेहनत की और अंततः एक ऐसा सूत्र खोजा जिसे उन्होंने नाम दिया  “विभाज्यता का महासूत्र”।


विभाज्यता का महासूत्र
राजकीय जिला पुस्तकालय मैनपुरी में विभाज्यता के महासूत्र का प्रदर्शन करते हुए गणितज्ञ रत्नेश कुमार


विभाज्यता का महासूत्र क्या है?पूरी जानकारी के लिए क्लिक करे



शिक्षा में नवाचार का सामाजिक और राज्य स्तरीय विस्तार-


अपने सूत्र और नवाचार का प्रदर्शन रत्नेश कुमार ने हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक इंटर कॉलेज डिग्री कॉलेज सहित कई  शैक्षिक संस्थानों में किया। उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के “उद्गम पोर्टल” एवं “उद्गम पुस्तक” में इन नवाचारों को प्रकाशित कराया गया, जिसका भव्य उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के मौके पर किया। यह नवाचार शिक्षा नीति में उनकी सफलता और मान्यता का प्रतीक है।


उनके सूत्रों और शिक्षण पद्धतियों को समर्पित लेख प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं जिनमें दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, प्रतियोगिता दर्पण, पांचजन्य , धम्म देशना, कुशवाहा संदेश पंचशील पत्रिका,एजूकेशन टुडे, न्यूज़लाइन नेटवर्क, लाइव हिंदुस्तान, बहुजन इंडिया24 न्यूज आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा यूट्यूब और विभिन्न शैक्षिक पोर्टलों पर उनके वीडियो लाखों छात्रों तक पहुंच चुके हैं।

















सम्मान और पुरस्कार

रत्नेश कुमार को गणित और शिक्षा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए अनेक राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पुरस्कार मिले हैं।


  • राष्ट्र गौरव सम्मान 2023 (विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट, आगरा)


  • राष्ट्रीय धरोहर सम्मान 2022 (राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुंभ, प्रतापगढ़)


  • राष्ट्र निर्माता पुरस्कार 2022 (नवोदय क्रांति परिवार भारत)


  • आदर्श शिक्षा रत्न सम्मान (आदर्श संस्कारशाला, मथुरा)


  • नवोदय क्रांति नेशनल अवार्ड 2020 (अमृतसर)


  • श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार (स्थानीय शिक्षण संस्थान)


रत्नेश कुमार Ratnesh kumar shakya
अमृतसर , पंजाब में नवोदय क्रांति नेशनल अवार्ड प्राप्त करते हुए गणितज्ञ रत्नेश कुमार



Ratnesh Shakaya Kaun hai
मथुरा, उत्तर प्रदेश में आदर्श शिक्षा रत्न सम्मान प्राप्त करते हुए गणितज्ञ रत्नेश कुमार



Ratnesh Kuamr Maths Teacher
IIMT इंस्टिट्यूट सभागार ग्रेटर नोएडा गौतम बुध नगर, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला एवं विज्ञान प्रोत्साहन सम्मान समारोह में *प्रोत्साहन सम्मान-पत्र* प्राप्त करते हुए गणितज्ञ रत्नेश कुमार


Ratnesh Kumar Shakya
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय युवा कुशवाह महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मा0आलोक  कुशवाहा जी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।




कई प्रशंसा पत्र और सम्मान स्थानीय शिक्षा अधिकारियों एवं सामाजिक संस्थाओं से।रत्नेश शाक्य को कई मंचों पर सम्मानित किया गया है।उनके सूत्र बड़े समाचार पत्रों और पोर्टलों ने लेख प्रकाशित किए हैं।सोशल मीडिया पर भी उनके वीडियो और इंटरव्यू वायरल हुए हैं।विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों ने उनके प्रयासों की सराहना की है।



प्रेरणा और योगदान-


गतिविधियों, वीडियो व्याख्यानों, कार्यशालाओं और शिक्षण नवाचारों के माध्यम से रत्नेश कुमार ने लाखों छात्रों और शिक्षकों को गणित सीखने-सिखाने की नई प्रेरणा दी है। उनका संदेश है कि “गणित केवल संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि सोचने और तर्कशील बनने की कला है।”


शुद्ध ग्रामीण पृष्ठभूमि से उठकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचने वाले वे नवाचारियों में अग्रणी हैं, जो अपने समर्पण, निष्ठा और समर्पित प्रयासों से शिक्षा क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ रहे हैं।


यह संक्षिप्त परिचय और विवरण गणितज्ञ रत्नेश कुमार के समर्पण, नवाचार और प्रेरणा की कहानी बताता है, जो शिक्षा की दुनिया में संतुलन और रोशनी लेकर आया है।


रत्नेश कुमार शाक्य का संपर्क सूत्र -


मोबाइल:- 7906286274


ईमेल:- kkkratnesh@rediffmail.com


यूट्यूब चैनल: -रत्नेश के महासूत्र (RATNESH KE MAHASUTRA)







 


निष्कर्ष-

रत्नेश शाक्य (रत्नेश कुमार) का जीवन परिचय हमें यह सिखाता है कि अगर किसी विषय को समझने और आसान बनाने की लगन हो तो असंभव कुछ भी नहीं। उन्होंने “विभाज्यता का महासूत्र” प्रस्तुत करके यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत और लगन से साधारण शिक्षक भी गणित की दुनिया में बड़ा योगदान दे सकता है।उनकी यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है और उनका सूत्र विद्यार्थियों को गणित में नई रोशनी दिखाता है।






यहाँ गणितज्ञ रत्नेश कुमार उर्फ रत्नेश शाक्य से जुड़े संभावित महत्वपूर्ण और उपयोगी प्रश्न (FAQ) तथा उनके संक्षिप्त और सटीक उत्तर प्रस्तुत किए गए हैं। ये प्रश्न पाठकों की जिज्ञासा को दूर करेंगे।


FAQ-(रत्नेश शाक्य से सम्बंधित प्रश्न)


Q1. रत्नेश कुमार या रत्नेश शाक्य कौन हैं?
👉 रत्नेश कुमार, जिन्हें रत्नेश शाक्य भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के समर्पित गणित शिक्षक एवं गणितज्ञ हैं, जिन्होंने “विभाज्यता का महासूत्र” जैसी महत्वपूर्ण खोज की है।

Q2. विभाज्यता का महासूत्र क्या है और इसका महत्व क्या है?

👉 यह एक सरल और सार्वभौमिक गणितीय सूत्र है जो किसी भी संख्या की विभाज्यता को तुरंत जाँचने में सक्षम बनाता है। इससे अलग-अलग नियम याद करने की जरूरत समाप्त हो जाती है और गणित अधिक आसान हो जाता है।

Q3. रत्नेश कुमार की शैक्षिक योग्यता क्या है?

👉 उन्होंने B.E. (Electronics & Communication), MBA (IT & Marketing), B.Ed. की डिग्री पूरी की है और वर्तमान में परास्नातक स्तर पर गणित की पढ़ाई कर रहे हैं।

Q4. रत्नेश कुमार शिक्षा के क्षेत्र में कब से सक्रिय हैं?

👉 वे 22 सितंबर 2015 से पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जगतपुर, सुल्तानगंज, मैनपुरी में गणित शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और वर्तमान में ARP गणित के रूप में राज्य स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कर रहे हैं।

Q5. उनकी मुख्य पुस्तकें कौन-कौन सी हैं?
👉 उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं -


विभाज्यता का महासूत्र एवं दशक नियम

Great Formula of Divisibility and Decade Law

विभाज्यता का तीव्रतम महासूत्र

± संख्या बटे शून्य का मान

सबसे छोटी संख्याएं लिखने के तर्क

Q6. क्या उनके शोध को भारत सरकार से कोई मान्यता मिली है?

👉 हाँ, उनकी पुस्तकों और सूत्र को भारत सरकार से कॉपीराइट प्रमाणपत्र प्राप्त है, जो 181 देशों में मान्य है। साथ ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ उत्तर प्रदेश की उद्गम पुस्तक तथा उद्गम पोर्टल पर विभाज्यता का महासूत्र प्रकाशित हो चुका है।

Q7. रत्नेश कुमार को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?

👉 उन्हें राष्ट्र गौरव सम्मान, राष्ट्रीय धरोहर सम्मान, राष्ट्र निर्माता पुरस्कार, आदर्श शिक्षा रत्न सम्मान, नवोदय क्रांति नेशनल अवार्ड, श्रेष्ठ और उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।

Q8. क्या रत्नेश कुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में कोई विशिष्ट नवाचार किए हैं?

👉 हाँ, उन्होंने ‘विभाज्यता का महासूत्र’ प्रस्तुत किया है, जिससे गणित की पढ़ाई आसान और रोचक बनी। इसके अलावा कई नवाचारों और पुस्तकों के माध्यम से गणितीय शिक्षा को बेहतर बनाया है।

Q9. रत्नेश कुमार का उद्देश्य क्या है?

👉 उनका उद्देश्य गणित से बच्चों का डर मिटाना और इसे एक खेल एवं तर्क का विषय बनाकर विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति उत्साह और समझ विकसित करना है।

Q10. रत्नेश कुमार के लेख किन-किन राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं?

👉 उनकी गणितीय लेख निम्नलिखित पत्रिकाओं/पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं 
पांच जन्य 
सामान्य ज्ञान दर्पण 
प्रतियोगिता दर्पण 
धम्म देशना 
कुशवाहा संदेश पंचशील पत्रिका 
उद्गम पुस्तक (SCERT LUCKNOW, UP द्वारा प्रकाशित और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर विमोचित)

Q11. रत्नेश कुमार के गणितीय लेख किन-किन शैक्षणिक वेबसाइटों पर प्रकाशित हो चुके हैं? 

👉 रत्नेश कुमार के गणितीय लेख निम्नलिखित शैक्षणिक वेबसाइट पर प्रकाशित हो चुके हैं 
Education Mirror 
Rashtra ki baat 
Manav today 
Talk time 
Vidya Bharati portal 
Aaj Tak
Udgam portal 

Q12.रत्नेश कुमार के पिताजी का नाम बताइए ।

👉 हरीराम शाक्य 

Q13.रत्नेश कुमार की माता जी का नाम बताइए। 

👉 शारदा देवी शाक्य 

Q14.रत्नेश कुमार का जन्म कब हुआ ?

👉 5 जून सन 1983 में। 

Q15.रत्नेश कुमार का जन्म किस स्थान पर हुआ ?

👉 रत्नेश कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी के कस्बा भोगांव के मोहल्ला मोहम्मद सईद में हुआ।

Q16.रत्नेश कुमार ने विभाज्यता के महासूत्र का सर्वप्रथम प्रदर्शन कब किया 

👉 4 दिसंबर 2011 को लार्ड बुद्ध पब्लिक स्कूल, भोगांव में।

Q17.रत्नेश कुमार ने विभाज्यता का महासूत्र बनाने हेतु किस वर्ष से प्रयास शुरू किया

👉 वर्ष 2006 से (जब वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।)

Q18.रत्नेश कुमार को विभाज्यता के महासूत्र पर कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कब प्राप्त हुआ

👉 वर्ष 2013 में।

Q19.रत्नेश कुमार को विभाज्यता के तीव्रतम महासूत्र पर कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कब प्राप्त हुआ

👉 वर्ष 2017 में।

Q20.रत्नेश कुमार को "संख्या बटे शून्य का मान" (Value of ± N/0) पर कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कब प्राप्त हुआ

👉 वर्ष 2020 में।

Q21.रत्नेश कुमार अपना गणितीय गुरु किसे मानते हैं?

👉 रत्नेश कुमार अपना गणितीय गुरु, प्रकृति (Nature) और अपने पिताजी श्री हरीराम शाक्य को मानते हैं। 

Q22.रत्नेश कुमार अपने नए गणित के सूत्रों की चर्चा अपने पिताजी के अलावा किससे करते रहे हैं?

👉 संविलियन विद्यालय जगतपुर, सुल्तानगंज , मैनपुरी के प्रधानाध्यापक श्री फूल सिंह राजपूत जी से।

Q23.रत्नेश कुमार के यूट्यूब चैनल का नाम बताइए, जिस पर वह गणित के वीडियो डालते हो।

👉 उनके यूट्यूब चैनल का नाम है -रत्नेश के महासूत्र (RATNESH KE MAHASUTRA)

Q24. "सबसे छोटी संख्या लिखने के रत्नेश के तर्क" नामक पुस्तक में उन्होंने क्या बताया है?

👉 इस पुस्तक में उन्होंने कई तर्क प्रस्तुत किए हैं, इन गणितीय तर्कों के अनुसार शून्य सहित दिए गए अंको से सबसे छोटी संख्या लिखने के लिए केवल आरोही क्रम ही पर्याप्त है। 

अर्थात् 0,1,2 अंको से बनने वाली तीन अंको की सबसे छोटी संख्या 012 होनी चाहिए न कि 102.

इसी प्रकार
0,1,2,3 अंको से बनने वाली चार अंको की सबसे छोटी संख्या 0123 होनी चाहिए न कि 1023.


Q25.रत्नेश कुमार से संपर्क कैसे किया जा सकता है?

👉 संपर्क के लिए मोबाइल नंबर: 7906286274 और ईमेल: kkkratnesh@rediffmail.com तथा kumarratnesh9361@gmail.com हैं।










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