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भूमि प्रबंधक समिति क्या है|भूमि प्रबन्धक समिति के क्या कार्य हैं | भूमि प्रबन्धक समिति में लेखपाल की क्या भूमिका है?

भूमि प्रबंधक समिति क्या है? भूमि प्रबन्धक समिति में लेखपाल की क्या भूमिका है? भूमि प्रबन्धक समिति के क्या कार्य हैं? ग्राम पंचायत और भूमि प्रबन्धक समिति में क्या अंतर है

भूमि प्रबन्धक समिति क्या है



इस पोस्ट के माध्यम में एक महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं जो लोग लेखपाल हैं या लेखपाल बनने की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए इस पोस्ट को पढ़ना जरूरी है।लेकिन इस टॉपिक की जानकारी सभी को जरूरी है।इस पोस्ट में हम बताएंगे कि भूमि प्रबंधक समिति क्या है? भूमि प्रबन्धक समिति में लेखपाल की क्या भूमिका है? भूमि प्रबन्धक समिति के क्या कार्य हैं? ग्राम पंचायत और भूमि प्रबन्धक समिति में क्या अंतर है? भूमि प्रबंधन समिति का गठन कौन करता है?ग्राम भू प्रबंध समिति का अध्यक्ष कौन होता है?भूमि प्रबंधन समिति का सचिव कौन होता है।LMC क्या होती है? LMC का पूरा नाम क्या है।What is land management committee। What are the functions and duties of land management committee। What is LMC। इस पोस्ट में इस प्रकार के सभी प्रश्नों के जबाब मिलेंगे जो आपके लिए बहुत काम आने बाले हैं।कृपया पोस्ट को ध्यानपूर्वक और पूरा पढे। धन्यवाद


भूमि प्रबंधक समिति क्या है| What is land management committee| bhumi prabandhak samiti kya hai


ग्राम पंचायत का चुनाव हो जाने के बाद सभी सदस्यों और प्रधान को शपथ दिला दी जाती है और उसकी एक कार्यकारिणी बन जाती है ग्राम पंचायत की यह कार्यकारणी ही भूमि प्रबंधक समिति के रूप में कार्य करती है।भूमि प्रबंधक समिति  ग्राम सभा की एक समिति है जिसको ग्राम सभा की भूमि आदि का परिनिर्वेक्षण ,प्रबंधन, सुरक्षा एवं नियंत्रण सौपा गया है। इस समिति की स्थापना उ.प्र. पंचायत राज अधिनियम 1947 के अन्तर्गत की गई है। ग्राम सभा के प्रधान एवं उपप्रधान इस समिति के क्रमश:  अध्यक्ष(सभापति) एवं उपाध्यक्ष (उपसभापति) होते हैं। ग्राम सभा के क्षेत्र में नियुक्त लेखपाल इस समिति का सचिव (मंत्री) होता है।ग्राम पंचायत के सभी सदस्य इस समिति के सदस्य होते है।इसे अंग्रेजी में Land management committee (LMC) कहते हैं।



भूमि प्रबन्धक समिति के क्या कार्य हैं |What are the functions and duties of land management committee| Bhumi prabandhak samiti ke kya karya hai



भूमि प्रबन्धक समिति के प्रबन्धक कार्य-जमींदारी विनाश अधिनियम के प्रावधानों के अधीन भूमि, प्रबन्धक समिति पर, गाँव सभा की ओर से समस्त भमि, गाँव सभाओं की सीम के भीतर के वृक्षों (किसी जोत, बाग या आबादी के वृक्षों को छोड़कर), मीनाशयों (Fisheri तालाबों, पोखरों, जल-प्रणालियों (Water Channels), रास्तों, आबादी स्थलों, हाट बाजार मेलों का जो गाँव सभा में (धारा 117 के अधीन) निहित हो गये हों, सामान्य अधीक्षण, प्रबन्ध, संरक्षण और नियन्त्रण का भार होगा।


भूमि प्रबन्धक समिति के कार्य निम्नलिखित हैं-


(1) भूमि का बन्दोबस्त और प्रबन्ध


(2) गाँव सभा के द्वारा और विरुद्ध दायर वादों और कार्यवाहियों का संचालन और अभियोजन


(3) कृषि की उन्नति और विकास


(4) वनों और वृक्षों का परिरक्षण और विकास, (5) आबादी स्थलों और ग्राम संचारों का परिरक्षण और विकास


(6) हाटों, बाजारों और मेलों का प्रवन्ध


(7) सहकारी कृषि का विकास


(8) पशुपालन का विकास, जिसमें मत्स्य संवर्धन और कुक्कुट पालन भी सम्मिलित हैं


(9) जोतों की चकबन्दी


(10) कुटीर उद्योगों का विकास


(11) मीनाशयों और तालाबों का परिरक्षण और विकास;


(12) ऐसे अन्य विषय जो विहित किये जायें।




भूमि प्रबन्धक समिति में लेखपाल की क्या भूमिका है। What is duty of lekhpal in LMC



लेखपाल भूमि प्रवन्धक समिति का मन्त्री (सैक्रेटरी) होता है(धारा 28 क (4) पंचायत राज -अधिनियम)। उसके समिति के मन्त्री की हैसियत से जमींदारो विनाश और भूमि व्यवस्था नियमावली के अनुसार निम्नांकित कर्तव्य होंगे जिनका उल्लेख भूमि प्रबन्धक समिति नियम संग्रह के पैरा 14 में है जो निम्न प्रकार है-


(1) समिति की बैठकों में उपस्थिति रहे और नियमावली के अधीन रखे जाने वाले या आदिष्ट (Ordered) अभिलेखों और रजिस्टरों के विधिवत् रखे जाने में अध्यक्ष को सहायता करे किन्तु भूमि प्रबन्धक समिति के अभिलेख रजिस्टर और लेखा रखने का दायित्व वास्तव में अध्यक्ष का ही होगा। 


(2) मन्त्री यह देखे कि अधिनियम और उसके अधीन बनाये गये नियमों तथा राज्य सरकार या कलेक्टर द्वारा जारी किये गये निर्देशों का समिति द्वारा अनुपालन किया जा रहा है, और वह उनका अनुपालन स्वयं भी करे तथा समिति के द्वारा की गई अनियमितता या अकृति (Omission) उनके (समिति) के ज्ञान में लाये न मानने पर अधिकारियों को रिपोर्ट करे।


(3) भूमि प्रबन्धक समिति द्वारा माँगी गई भूमि अभिलेखों को प्रविष्टियों के सम्बन्ध में सूचना दे और समिति द्वारा अपेक्षित भूमि अभिलेखों को प्रतिलिपियाँ निःशुल्क जारी करे। जारी की जाने वाली प्रतिलिपियों पर स्पष्ट रूप "केवल भूमि प्रबन्धक समिति के उपयोग के लिये" लिखा होना चाहिये ।


(4) गाँव सभा की सम्पत्ति की क्षति या उसके ऊपर किये गये अनधिकृत कब्जे के सभी मामलों की रिपोर्ट कलेक्टर को करे और उसी समय ऐसी रिपोर्ट की प्रतिलिपि भू. प्र. स. के अध्यक्ष को सूचनार्थ भेजे।


(5) नाम उठाये जाने के लिये पट्टों को नियत समय के भीतर समिति द्वारा नियमः निष्पादित कराये और उसको रजिस्ट्री या तस्दीक (समर्थन Allestation) कराये। 100 रु वार्षिक लगान या मालगुजारी वाले पट्टों की किसी माल अधिकारी द्वारा तस्दीक तथा उससे अधिक वालों की रजिस्ट्री होनी चाहिए।


(6) गाँव सभा के ऐसे मुकदमों से सम्बन्धित सभी विषयों के सम्बन्ध में कार्यवाही करे अधिनियम के अधीन उनके कृत्यों से सम्बन्धित हो। 


(7) सामान्यतः समिति के कार्य से सम्बन्धित सभी विषयों के अध्यक्ष के निर्देशों के अधीन कार्य करना।



ग्राम पंचायत (Gram panchayat) और भूमि प्रबन्धक समिति (LMC) में क्या अंतर है|What is different between Gram panchayat and land management committee



गाँव पंचायत और भूमि प्रबन्ध समिति में मात्र  यह अंतर है कि जब गाँव पंचायत भूमि के प्रबन्ध का कार्य करने लगे तो वह भूमि प्रबन्धक समिति कहलाती है और जब पंचायत राज अधिनियम के अधीन आरोपित कर्तव्य और प्रदत्त अधिकार पालन व प्रयोग करने लगे तो वह गाँव पंचायत कहलाती है।इस समिति में सदस्य व पदाधिकारी सभी वही रहते हैं। भूमि प्रबन्धक समिति का कार्य करते समय प्रधान को अध्यक्ष (Chairman) कहा जाता है एवं  उपप्रधान को उपाध्यक्ष (Vice Chairman) कहा जाता है। गाँव पंचायत के कार्य की सहायता व परामर्श हेतु पंचायत सेवक मन्त्री होता है जबकि भूमि प्रबन्धक समिति के कार्य हेतु लेखपाल मन्त्री है।




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