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राजस्व लेखपाल के पास कौन कौन से आवश्यक कागजात होते हैं।Lekhapl ke pass kya hota hai। elekhpal.com

राजस्व लेखपाल के पास कौन कौन से कागजात होते हैं। lekhapl ke pass kon kon ke kagaj hote hai। lekhpal ke pas kya hota hai।

हम जानते हैं कि राजस्व लेखपाल या पटवारी जिन्हें ग्राम राजस्व अधिकारी या उप राजस्व निरीक्षक भी कहा जाता है।हमारी जमीन संबंधित समस्याओं का निस्तारण करवाते है,और तहसील में कोई कार्यो को करते हैं।प्रायः जब कोई लेखपाल हमारे गांव में आता है तो उसके पास कई कागजात होते है तो आज हम इन्ही कागजात के बारे ने विस्तार से बताएंगे कि लेखपाल मुख्यता कौन कौन से कागज और अन्य चीजें अपने पास रखते है।

लेखपाल के पास निम्न कागजात और अन्य चीजें होती है-

(1)खसरा-  

यह क्षेत्र पंजी भी कहलाता है जो आकार पत्र प-3 पर जमीदारी क्षेत्र के लिए के लिए तथा आकार पत्र प-क-3 पर जमीदारी विनाश क्षेत्र के लिए क्रमशः 55 से 102 एवं क- 55 के क120ग भाग के अनुसार 1 अगस्त से 9 अगस्त तक तैयार किया जाता है।इसमें जमीदारी विनाश क्षेत्र आकर पत्र प-क-3 में 21 स्तम्भ होते है तथा जमीदारी क्षेत्र आकर पत्र प-3 में 22 स्तंभ होते हैं।इस खसरे को प्रत्येक वर्ष तैयार किया जाता है,इसे 15 जून तक पूर्ण करना होता है। खसरे में ग्राम की समस्त भूमि का विवरण उसके उपयोग के हिसाब से भरा जाता है।

इसमें किसानो के सभी खेतों मे बोई जाने बाली रवी, खरीब और जायद फसलो का विवरण भरा जाता है तथा खेत मे सिचाई का साधन लिखा जाता है। इसके अलावा खाली भूमि सरकारी भूमि, तालाब आदि का विवरण भी रहता है।

इसकी प्रमाणित प्रति लेखपाल से प्राप्त की जा सकती है।

(2)खतौनी-

     खतौनी को अधिकार अभिलेख भी कहते हैं।यह प्रत्येक छः वर्ष बाद तैयार की जाती है।इसमें कौन सी जमीन किसके नाम है,पूरा विवरण रहता है अर्थात इसमें  भूमि के स्वामित्व का विवरण रहता है।इसकी प्रमाणित प्रति तहसील भूलेख कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।

(3)जिल्द बंदोबस्त-

                  
         जिल्द बंदोबस्त एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो कि लेखपाल के पास होता है। यह चकबंदी क्रिया के दौरान तैयार किया जाता है तथा चकबंदी पूर्ण होने के बाद लेखपाल को रिकॉर्ड के रूप में दिया जाता है।इसकी प्रामाणिक प्रति जिला अभिलेखागार से प्राप्त कर सकते हैं।

(4)दिनचर्या वही-

             यह आकर पत्र प-2 पर लेखपाल द्वारा तैयार की जाती है, इसमें लेखपाल द्वारा किये प्रतिदिन के कार्य का विवरण भरा जाता है।इसमें दिनांक व दिन, रात्रि का निवास, वा कार्य का विवरण रहता है

(5)मानचित्र या नक्शा-

             यह भू चित्र या शजरा भी कहलाता है।यह अभिलेखों का मुख्य आधार होता है।इसी की सहायता से विभिन्न कृषकों की भूमि की स्थल पर पहिचान होती है तथा स्थल पर जाना संभव होता है।इसी के द्वारा लेखपाल खेत की नापजोख या पैमाइस करता है।इसकी प्रमाणित प्रति जिला अभिलेखागार से प्राप्त की जा सकती है।

इस सब कागजात के अलावा लेखपाल के पास जरीब(चैन) ,गुनिया(स्केल) भी होती है।जिसके खेत को नापा जाता है।







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