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जमाबंदी क्या होती है। लेखपाल जमाबंदी कैसे तैयार करता है।Jamabandi kya hoti hai। Lekhpal jamabandi kaise banate hai

जमाबंदी किसे कहते हैं।लेखपाल जमाबंदी कैसे तैयार करते हैं।Jamabandi kya hoti hai। Lekhpal jamabandi kaise banate hai।



जमाबन्दी क्या होती है।लेखपाल जमाबंदी कैसे तैयार करते हैं


नमस्कार दोस्तो आपका मेरी वेबसाइट elekhpal.com में स्वागत है।आज की पोस्ट में हम up lekhpal साथियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक लेकर आये है।इस पोस्ट में हम बताएंगे कि भूराजस्व की जमाबन्दी क्या होती है,जमाबन्दी किसे कहते हैं। उत्तरप्रदेश में lekhpal jamabnadi kaise banate hai।जमींदारी विनाश आकार पत्र 62 क्या होता है।jamindari vinash aakar patr 62 kya hota hai।इस पोस्ट में यह भी जानकरी मिलेगी की जमाबन्दी बनाते समय लेखपाल को आकार पत्र 62 में कौन कौन से स्तम्भ भरने होते है। यह पोस्ट up lekhpal bharti की तैयारी कर रहे लोगों के लिए भी उपयोगी है।लेकिन जो लोग lekhpal हैं उनके लिए यह पोस्ट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि up rajasv lekhpal को भूमि का लगान या भूराजस्व की बसूली के लिए जमाबन्दी तैयार करनी होती है।

भूराजस्व की जमाबन्दी क्या होती है। जमींदारी विनाश आकार पत्र 62 क्या है।Jamabandi kya hoti hai।


जमाबंदी को भूराजस्व की जमाबंदी भी कहते है। यह एक  माँग व बसूली पंजी होती है। इसमे द्वारा भू राजस्व की बसूली की जाती है।इस पंजी में उन्हीं कास्तकारों को शामिल किया जाता है जिनके पास जमाबन्दी बनाते समय 3.125 एकड़ या 1.265 हेक्टेयर भूमि होती है। इसे जमीदारी विनाश एवं भूमि व अधिनियम 1950 ,नियमावली 1952 के नियम 218 के अनुसार जमीदारी विनाश आकार पत्र-62 में भूमिधरों द्वारा देय भूराजस्व की वसूली के लिए तथा नियम 113 के अनुसार आकार पत्र 62 ख में ग्राम सभा के असामियों (श्रेणी -3) की भूराजस्व बसूली के लिए जमाबंदी तैयार की जाती है।जमाबन्दी में कुल 24 कॉलम होते हैं।इसमे कॉलम 1 से 11 तक लेखपाल के द्वारा भरे जाते हैं।मालगुजारी या भू राजस्व दो किस्तों में देय होता है, इसमे कुल भू राजस्व का 40% खरीफ फसल का तथा 60% रबी फसल का देय होता है। 



लेखपाल जमाबंदी कैसे तैयार करता है।Lekhpal jamabandi kaise banate hai


जमाबंदी को लेखपाल तैयार करता है व अमीन इससे बसूली का कार्य करता है।इसमें पिछले वर्ष की अधिक बसूली या बकाया धन तथा दैवीय आपदा आदि के कारण फसलों को हुई हानि के कारण दिए गए स्थगन या छूट का उल्लेख किया जाता है। आकार पत्र 62 में इसमे लेखपाल का मुख्य कार्य भूराजस्व बसूली के लिए सम्पूर्ण मांग तैयार करना होता है जो कि आकार पत्र 62 के  बाएं पृष्ठ 11 स्तम्भ (1-11तक) में किया जाता है इनमें संसोधन करने का अधिकार अमीन पास नहीं होता है। जमाबंदी में अमीन अपने सभी आवश्यक प्रविष्ट दाँये पृष्ट के 13 स्तंभों (12-24 तक) में ही दर्ज करता है।अर्थात बाएं पृष्ठ पर हस्तक्षेप करने का अधिकार उनको नहीं दिया गया है।जमाबंदी में छूट व स्थगन लगान या मालगुजारी को अंकित करने का अधिकार लेखपाल में ही निहित किया गया है। जमाबंदी बनाते समय लेखपाल अमीन द्वारा तैयार आकार पत्र 62 ई जो कि पिछली जमाबंदी की बसूली के बाद तैयार की जाती है लेखपाल को WBN द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। लेखपाल आकार पत्र 62ई की सहायता से स्तम्भ 4 व 6 में पिछले वर्ष का बकाया व अधिक बसूली की प्रविष्ट करता है। मालगुजारी या भू राजस्व दो किस्तों में देय होता है, इसमे कुल भू राजस्व का 40% खरीफ फसल का तथा 60% रबी फसल का देय होता है। 

ZA 62 में लेखपाल द्वारा भरे जाने बाले स्तम्भ 1से 11 तब का विवरण निम्न है-



स्तम्भ की संख्या

स्तम्भ में भरा जाने वाला विवरण

1

खतौनी खाता संख्या एवं पिछली जमाबंदी का क्रमांक

2

खातेदार का नाम पिता का नाम और पता

3

वर्तमान मांग खरीफ तथा रबी

4

पिछले वर्ष का बकाया

5

सम्पूर्ण मांग स्तम्भ( स्तम्भ 4+स्तम्भ 5)

6

पिछले वर्ष की अधिक बसूली

7

शुद्ध मांग

8

मांग में परिवर्तन (वृद्धि)

9

मांग में परिवर्तन (कमी)

10

छूट जो स्वीकृति हुई है

11

देय मांग (स्तम्भ 7+8) + (स्तम्भ 9+10)



इस प्रकार लेखपाल के द्वारा स्तम्भ 1 से 11 का विवरण पूर्ण करके सभी पृष्ठों का योग करके सम्पूर्ण पृष्ठ के विवरण  का योग किया जाता है। इसी प्रकार किसी लेखपाल हल्के में निहित सभी राजस्व ग्रामो को सम्पूर्ण योग गोशवारा तैयार किया जाता है जिसे आकार पत्र 63 कहा जाता है। आकार पत्र ZA 63 ई पर तैयार हो जाने के बाद सभी ग्रामों की जमाबंदी तहसील में WBN कार्यालय में जमा कर दी जाती है।इसके बाद W B N कार्यालय से भूराजस्व बसूली के लिए अमीन को जमाबंदी प्राप्त हो जाती है।





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