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Crop cutting kya hai। Crop cutting kaise kre।क्रॉप कटिंग या फसल कटाई प्रयोग क्या है।CCE Crop cutting experiment in hindi। elekhpal.com

क्रॉप कटिंग प्रयोग क्या है।क्रॉप कटिंग प्रयोग कैसे करें।फसल कटाई प्रयोग कैसे करें।CCE Crop cutting experiment in hindi।Lekhpal crop cutting prayog kaise krte hai।Crop cutting by lekhpal

crop cutting experiment


नमस्कार साथियो आज की पोस्ट में हम उत्तर प्रदेश के लेखपाल भाइयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं। इस पोस्ट में हम बताएंगे कि फसल की क्रॉप कटिंग क्या है।Crop cutting kya hai। what is crop cutting experiment।फसल कटाई प्रयोग कैसे करते हैं।फसल कटाई प्रयोग कैसे करें how to do crop cutting experiment ।Crop Cutting experiment Table 1 and Table 2 कैसे भरते हैं।फसल कटाई प्रयोग में टेबल 1 व टेबल 2 का क्या महत्व है ।फसल कटाई प्रयोग में टेबल-1 और टेबल-2 कैसे भरते है।फसल कटाई या क्रॉप कटिंग के प्रयोग की पूरी प्रक्रिया शुरू से अंत तक बताने जा रहे है।साथ ही बताएंगे कि Crop cutting experiment के क्या फायदे हैं तथा cce app में इसे कैसे करते है इसका वीडियो नीचे दिया गया है। इसके लिए पोस्ट को पूरा पढ़े यह लेखपालों या पटवारी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयोग है।Crop cutting kya hai,Crop cutting kaise kre, fasal katai prayog kya hai, crop cutting by lekhpal, crop cutting experiment by lekhpal



क्रॉप कटिंग प्रयोग क्या है what is crop cutting experiment-

Crop Cutting experiment को हिंदी में फसल कटाई प्रयोग कहते है।इसे संक्षिप्त में CCE प्रयोग कहते है।क्रॉप कटिंग प्रयोग में लेखपाल की मुख्य भूमिका रहती है।क्योंकि Crop Cutting Experiment का पूरा काम उत्तर प्रदेश में लेखपालों के द्वारा ही किया जाता है।इसमें अधिकारी निरीक्षण के कार्य करते हैं।कृषि विभाग द्वारा चयनित सभी ग्रामों में फसल कटाई प्रयोग किया जाता है।

क्रॉप कटिंग या फसल कटाई प्रयोग द्वारा फसल की औसत पैदावार निकली जाती है।क्रॉप कटिंग के आधार पर ही क्षेत्र के कृषि उत्पादन के आंकड़े तैयार करके शासन को भेजे जाते है।इसी के द्वारा प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फसल बीमाधारक को नुकसान का मुआवजा दिया जाता है।इस प्रयोग से प्राप्त आँकड़े लेखपाल द्वारा तहसील कार्यालय में जमा किया जाता है जहां से इन्हें कृषि विभाग के पास भेज दिया जाता है।

Crop Cutting Experiment के लिए आवश्यक दस्तावेज और tools-

  • रेण्डम नम्बर(Random number)
  • खतौनी(Khatauni)
  • खसरा(Khasra)
  • फीता
  • तालिका-1 और तालिका -2

क्रॉप कटिंग प्रयोग की प्रक्रिया Crop Cutting experiment -

Crop cutting प्रयोग के लिए सबसे पहले ग्रामों का चयन करके कृषि विभाग द्वारा ग्रामवार सभी फसलो में लिए अलग अलग रेण्डम नम्बर (Random number) तहसील कार्यालय में भेजे जाते है।कृषि विभाग द्वारा भेजी गई सूची में दिए गए ग्रामों में ही क्रॉप कटिंग प्रयोग किया जाता है।इन रेण्डम संख्या के आधार पर ही क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया चालू की जाती है।सबसे पहले खेत का चयन किया जाता है जिसकी सूचना विभाग को भेज दी जाती है, इसके बाद फसल पक जाने पर संबंधित किसान को फसल कटाई प्रयोग के लिए निश्चित दिनाँक बता दिया जाता है।उस दिनांक को या किसी कारण परिवर्तित दिनाँक को उस खेत मे 10×10×10 मीटर भुजा वाला समबाहु त्रिभुज बनाकर फसल काटी जाती है।फिर उसकी तौल की जाती है।तहसील से प्राप्त फसल कटाई प्रयोग के लिए फसलवार रेण्डम नम्बर की सूची निम्न प्रकार होती है-

Crop cutting experiment



इस प्रकार पूरे उत्तरप्रदेश में सभी जिलों में ग्राम वार सूची के अनुसार क्रॉप कटिंग प्रयोग किया जाता है।

crop cutting प्रयोग के दौरान तहसील से प्राप्त निर्धारित प्रारूप Table-1 और Table-2 पर सभी आंकड़े भरे जाते है। सबसे पहले हम तालिका-1 भरते हैं।इसका विवरण निम्न है

Crop cutting experiment table 1 भरने की प्रक्रिया-

क्रॉप कटिंग करने के लिए सबसे पहले तालिका-1 को भरते हैं इसके लिए हमें रेंडम नंबर और सभी आवश्यक दस्तावेज साथ में होना जरूरी होता है ।तालिका -1 में सबसे पहले प्रयोग किये जाने बाले गाँव का विवरण और  गांव तक पहुंचने का विवरण भरा जाता है।इसके बाद जिस फसल की crop cutting करनी होती है उसके लिए  खेतों का चुनाव संबंधी विवरण लिखा जाता है।इसमे मुख्य काम रेण्डम नम्बर से खेत का चयन करना होता है।

Crop cutting करने के लिए रेण्डम नम्बर से खेत का चयन-

रेण्डम नम से खेत का चुनाव करने के लिए हमे जिस राजस्व ग्राम में प्रयोग करना होता है उस ग्राम की कुल गाटा संख्या या अंतिम खसरा संख्या अपने खसरे से देखनी होती है।

ग्राम की अंतिम गाटा संख्या का भाग उस फसल की रेण्डम नम्बर से भाग देते है।भाग देने के बाद जो शेष बचता है उसी संख्या वाले गाटा संख्या हम प्रयोग करते है।इस प्रकार प्राप्त गाटा संख्या में अगर जिस फसल का प्रयोग करने जा रहे है वह मौजूद है तो उसी गाटा संख्या को चुन लेते हैं। और यदि फसल नही है या कोई दूसरी फसल है तो उससे अगली वाली गाटा संख्या चुनते है।जब तब हमें प्रयोग वाली फसल नही मिल जाती तब तक क्रम से अगली गाटा संख्या देखते जाते है।

उदाहरण- यदि किसी गाँव मे कुछ खसरा संख्या 655 और हमे गेंहू का फसल कटाई प्रयोग करना है जिसका रेण्डम नम्बर
3561 मिला है तब हमारा चयनित खेत निम होगा-

Crop Cutting experiment




इस प्रकार प्राप्त गाटा संख्या में गेहूँ की फसल कटाई प्रयोग करेंगे तथा खसरा 286 को खसरा में और मौके पर चेक करेंगे अगर उसमे गेंहू की फसल है तो इसे ही चयनित कर लेंगे। यदि भूमि सरकारी है या गेंहूँ की फसल नही है या कट चुकी है तो हम गाटा संख्या 286 से आगे की गाटा संख्या 287 देखेंगे।इसी प्रकार आगे क्रम से जिस गाटे में हमे गेंहूँ की फसल मिलेगी उसी गाटे को चयनित कर लेते है।


NOT

यदि रेण्डम नम्बर में अंतिम खसरा संख्या से भाग देने की स्थिति में यदि शेषफल 0 प्राप्त होता है तो हम खेत का चुनाव उस गांव की गाटा संख्या 1 से चयन करते है। और यदि रेण्डम नम्बर  ग्राम की अंतिम गाटा संख्या से छोटा होता है तो उसी रेण्डम नम्बर को गाटा संख्या मानते हैं।


खेत की कदमो में नाप करना-

खेत चयन करने के बाद उस खेत की लंबाई और चौड़ाई को कदमों (footsteps) में नापते हैं जिसका विवरण तालिका-1 में भर लिया जाता है ।इस खेत की लंबाई के कदमों की संख्या में से 13 घटाने देते है जो शेष आता है उसे नोट करते हैं तथा खेत की चौड़ाई के कदमों की संख्या में 11 घटाने के बाद जो शेष आती है उसे नोट कर लेते हैं।


खेत मे प्लाट (त्रिभुज आकृति) बनाने के लिए रेण्डम नम्बर-

चयनित खेत की कदमों में लम्बाई में 13 और चौड़ाई में 11 घटाने पर प्राप्त संख्या के आधार पर  राजस्व निरीक्षक या कानूनगो द्वारा फसल काटने के लिए प्लाट निर्धारित करने के लिए चयनित खेत के लिए एक रेण्डम नम्बर दिया जाता है। जो की प्लाट बनाने के लिए लम्बाई और चौड़ाई होती है।इस रेण्डम नम्बर में लंबाई और चौड़ाई खेत के कदमों में नापी गयी लम्बाई और चौड़ाई से कम होती है।इससे अधिक नही हो सकती है। जो कि कानूनगो अपनी तालिका में देखकर बताते हैं। खेत में प्लॉट बनाने के लिए चयनित रेंडम नंबर को तालिका-1 में ही नोट करते हैं।


इसी प्रकार तालिका एक मे दिया गया अन्य विवरण भर लेते हैं।जिससे हमारी तालिका-1 तैयार हो जाती है।



Crop cutting experiment तालिका-2 भरने की प्रक्रिया-

फसल कटाई प्रयोग के तालिका 2 में कई मुख बिंदु होते है।
इसमें में भी ग्राम की पहचान तथा अन्य विवरण लिखा जाता है।इसके बाद चयनित खेत का विवरण उसमे बोई गई फसल की दशा, उस फसल बोने की तिथि ,गांव के रेण्डम नम्बर, बीज बोने की दर, बीज का प्रकार,सिचाई का साधन, सिंचाइयों की संख्या, फसल में प्रयोग किये जाने बाले उर्वरक और खाद के बारे में लिखा जाता है। इसके बाद तालिका 1 से प्लाट के रेण्डम नम्बर लिखे जाते है।ये सभी विवरण प्रयोग के दौरान ही भर लिए जाते है। तालिका-2 दो भरते समय हमारा मुख्य काम प्लाट नापकर फसल कटाई करवाना होता है।जिससे फसल का बजन तौला जा सके। प्लाट का निर्धारण ही सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है।


क्रॉप कटिंग प्रयोग में प्लाट का निर्धारण-

अब हम क्रॉप कटिंग प्रयोग के दौरान चयनित खेत मे त्रिभुजाकार प्लाट बनाने की पूरी प्रक्रिया क्रम से बताने जा रहे है-

Crop cutting experiment


  • सबसे पहले उस खेत मे पहुंचते है जिसका प्रयोग हेतु चयन किया गया है।
  • इसके बाद उस खेत के दक्षिण-पश्चिम कोने पर पहुंचते है।
  • खेत के दक्षिण-पश्चिम कोने में पहुंचने के बाद राजस्व निरीक्षक द्वारा दिये गए लम्बाई में खेत की लंबाई के अनुदिश चलते है जितनी लम्बाई होती है वहाँ किसी व्यक्ति को खड़ा कर देते है
  • अब राजस्व निरीक्षक द्वारा दिये गए चौड़ाई के रेण्डम नम्बर की दूरी खेत की चौड़ाई बाली भुजा में नापते है।वहाँ निसान लगा देते है या किसी को खड़ा कर देते है।
  • अब लम्बाई और चौड़ाई की दूरी को खेत की मेड के लम्बवत मिला देते हैं जिससे एक बिंदु प्राप्त होता है।
  • इस प्राप्त बिंदु पर ही तीन व्यक्तियों को खड़ा करके फीता में 10 मीटर माप से समबाहु त्रिभुज बनाया जाता है,बिंदु से लम्बाई के अनुदिश एक भुजा को लम्बाई के समान्तर रखकर फीता की सहायता से 10-10 मीटर की भुजा वाला समबाहु त्रिभुज बनाते है।
  • इस बनाये गए त्रिभुज के अंदर जितनी भी फसल होती है उसे काट लेते है।
  • फसल काटने के बाद उसका बजन करते है जिसे तालिका-2 में नोट कर लेते है।
इस प्रकार हमारा क्रॉप कटिंग का प्रयोग हो जाता है।इसमें दोनों तालिकाओं को कृषि विभाग में भेज दिया जाता है।जहाँ से पूरा डाटा एकत्र कर शासन को भेज दिया जाता है।


तालिका-1 तथा तालिका-2 देखे तथा डाऊनलोड करें











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