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विभाज्यता का महासूत्र क्या है। विभाज्यता का महासूत्र की खोज किसने की है।What is Great Formula of Divisibility

विभाज्यता का महासूत्र क्या है।इसकी खोज किसने की है।What is Great Formula of Divisibility


नमस्कार दोस्तो आप सब का मेरी वेबसाइट elekhpal.com में स्वागत है।इस पोस्ट में हम आपके लिए विभाज्यता के महासूत्र के बारे में बताएंगे।विभाज्यता का महासूत्र क्या है।इसकी खोज किसने की है|विभाज्यता नियम के महासूत्र की नई खोज किसके द्वारा की गई।रत्नेश शाक्य कौन है।Who is Ratnesh shakya|What is Great Formula of Divisibility।who discovered Great Formula of Divisibility|Vibhajyata ka mahasutra kya hai|Vibhajyata ke mahasutra ki khoj kisne ki hai


विभाज्यता का महासूत्र क्या है|What is Great Formula of Divisibility

विभाज्यता का महासूत्र ( Great Formula of Divisibility)


परिभाषा- यदि निरीक्षित की जाने वाली किसी भाज्य संख्या के इकाई अंक में (R+1) का गुणा करके गुणनफल u(R+1) को भाज्य की शेष बची संख्या में (10-U) का गुणा करके प्राप्त गुणनफल (10-U)r को जोड़ दें तो यदि योगफल भाजक से विभाजित हो जाता है तो निरीक्षित की जाने वाली भाज्य संख्या भी भाजक से विभाजित हो जाएगी अर्थात भाजक के लिए विभाज्यता का महासूत्र निम्नवत होगा-


SRU=(10-U)r+u(R+1)


यहाँ S=योगफल (Sum)

RU=भाजक (Divisor) वह संख्या है जिसके लिए विभाज्यता का नियम बनाना है।

U=भाजक का इकाई अंक

=0,1,2,3,4,5,6,7,8,9

R= इकाई अंक को छोड़ने के बाद भाजक की शेष बची संख्या

=0,1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14……. प्राकृतिक संख्या


ru=भाज्य (Dividend ) वह संख्या है जिसे निरीक्षित करना है या जिसमें भाग देना है।

u=भाज्य का इकाई अंक

=0,1,2,3,4,5,6,7,8,9

r=इकाई अंक को छोड़ने के बाद भाज्य की शेष बची संख्या

=0,1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14…… प्राकृतिक संख्या


चूंकि इस सूत्र से सभी प्राकृतिक संख्याओं के लिए विभाज्यता के नियमों की उत्पत्ति होती है तथा यह एक महा व्यापक सूत्र है अतः इस सूत्र को विभाज्यता का महा सूत्र कहा गया है। विभाज्यता के महासूत्र की सहायता से प्राकृतिक संख्याओं के लिए विभाज्यता के नियमों की उत्पत्ति हम जानते हैं कि 


विभाज्यता का महासूत्र-

           SRU=(10-U)r+u(R+1)


विभाज्यता के महासूत्र की खोज किसने की है।Who discovered Great Formula of Divisibility


वर्तमान समय में प्रत्येक प्राकृतिक संख्या के लिए विभाजित के नियम अलग-अलग हैं क्योंकि प्राकृतिक संख्याएं असंख्य हैं।इसलिए विभाजित के नियम भी असंख्य हैं। संख्या में बहुत अधिक होने के कारण इन नियमों को समझना समझाना याद करना तथा अधिक समय तक याद रखना बहुत कठिन है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए रत्नेश कुमार शाक्य ने विभाजिता के महासूत्र तथा विभाज्यता के तीव्रता महासूत्र की खोज की है।


इन दोनों ही सूत्रों पर भारत सरकार रत्नेश कुमार को कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्रदान कर चुकी है। यह सर्टिफिकेट विश्व के 136 देशों में मान्य है। सूत्रों के अलावा भी रत्नेश कुमार कुछ और सूत्रों की खोज कर चुके हैं तथा अन्य सूत्रों पर भी खोज कार्य कर रहे हैं। रत्नेश कुमार उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी कस्बा भोरगांव के निवासी हैं।




श्री रत्नेश के पिता पूर्व विधायक हरिराम शाक्य नेशनल इंटर कॉलेज भोगांव में अंग्रेजी के अध्यापक तथा इनकी माता शारदा देवी शाक्य कस्तूरबा गांधी बालिका इंटर कॉलेज में संगीत की अध्यापिका रही हैं। रत्नेश कुमार भाई बहन में सबसे छोटे पुत्र हैं। रत्नेश कुमार वर्तमान समय में पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगतपुर सुल्तानगंज मैनपुरी में गणित के शिक्षक है।


वर्तमान समय में प्रत्येक प्राकृतिक संख्या के लिए विभाज्यता के नियम अलग-अलग हैं। अतः इन असंख्य नियमों को समझने में बहुत अधिक समय लगेगा तथा इन्हें अलग-अलग समझना भी बहुत कठिन है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए यह सूत्र बनाया गया है।

What is Great Formula of Divisibility



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