श्रेणी 6 को भूमि क्या होती है? श्रेणी 6 भूमि के प्रकार और उदाहरण–Shreni 6 ki bhumi kya hoti hai,bhumi ke prakar
नमस्कार दोस्तों आपका मेरी वेबसाइट www.elekhpal.com में स्वागत है।इस पोस्ट में आपको राजस्व विभाग और लेखपालों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी श्रेणी 6 की भूमि क्या है इसके प्रकार और उदाहरण लेकर आये हैं, जिसका विस्तार से वर्णन मिलेगा।इसके साथ निम्न प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे----
श्रेणी 6 की भूमि क्या है-Shreni 6 ki bhumi kya hoti hai।श्रेणी 6(1) की भूमि क्या है-Shreni 6(1) ki bhumi kya hoti hai।श्रेणी 6(2) की भूमि क्या है-Shreni 6(2) ki bhumi kya hoti hai।श्रेणी 6(3) की भूमि क्या है-Shreni 6(3) ki bhumi kya hoti hai।श्रेणी 6(4) की भूमि क्या है-Shreni 6(4) ki bhumi kya hoti hai।श्रेणी 6(1),श्रेणी 6(2), श्रेणी 6(3) और श्रेणी 6(4) की भूमि में क्या अंतर है।
श्रेणी 6 को भूमि क्या होती है? श्रेणी 6 भूमि के प्रकार
श्रेणी 6 की भूमि वह होती है जिस पर खेती संभव नहीं है और जो गैर-कृषि या सार्वजनिक कार्यों के लिए उपयोग में आती है।श्रेणी 6 की भूमि चार प्रकार की होती है।- श्रेणी 6(1)
- श्रेणी 6(2)
- श्रेणी 6(3)
- श्रेणी 6(4)
श्रेणी 6(1) की भूमि क्या है।Shreni 6(1) ki bhumi kya hoti hai।
श्रेणी 6(1) अकृषित भूमि -जलमग्न भूमि।
श्रेणी 6(1) की भूमि, जिसे जलमग्न भूमि भी कहा जाता है।श्रेणी 6(1) की भूमि को जलमग्न भूमि के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह भूमि हमेशा पानी से भरी रहती है इसके अंतर्गत तालाब, झील, नदी, नहर, और नाली जैसी जल निकाय शामिल हैं। यह भूमि कृषि योग्य नहीं होती है और इसका उपयोग जल निकायों के रूप में किया जाता है।
उदाहरण- तालाब, नदी,नाली,नहर,बम्बा आदि।
भूमि की श्रेणी-
भूमि का उपयोग:-
यह भूमि कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है, इसका उपयोग मछली पालन, सिंचाई, और अन्य जल-संबंधित गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
भूमि पर स्वामित्व-
श्रेणी 6(1) की भूमि ग्राम सभा की भूमि होती है इस भूमि पर सरकार का स्वामित्व होता है।इस भूमि में केवल सरकार द्वारा निश्चित अवधि के लिए पट्टा दिया जा सकता है लेकिन किसी व्यक्ति को स्वामित्व नहीं मिल सकता है।
खतौनी में विवरण:-
जब किसी जल निकाय जैसे तालाब नाली आदि की खतौनी (अधिकार अभिलेख) निकालेंगे,तो उसमें भूमि की श्रेणी:6-1/अकृषिक भूमि- जलमग्न भूमि लिखा होगा।
जैसे-
प्रशासनिक नियंत्रण-
ग्राम सभा और तहसील प्रशासन इस भूमि की देखरेख करते हैं।कोई भी व्यक्ति इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा नहीं कर सकता, यदि करेगा तो उसे हटाया जाएगा।
श्रेणी 6(2) की भूमि क्या है।Shreni 6(2) ki bhumi kya hoti hai
श्रेणी 6(2)-अकृषित भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जो अकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
श्रेणी 6(2) की भूमि, राजस्व विभाग में दर्ज एक प्रकार की भूमि है जो आबादी के अंतर्गत आती है। राजस्व अभिलेखों में यह आबादी के नाम दर्ज होती हैं।इसे आबादी भूमि या अकृषिक भूमि कहा जाता हैं।यह आमतौर पर उन जमीनों को संदर्भित करती है जहां लोग निवास करते हैं, और इसमें घर, सड़कें, और अन्य आवासीय उपयोग शामिल होते हैं।
जैसे- आबादी,चकरोड,रास्ता आदि
भूमि की श्रेणी-
श्रेणी 6-2/अकृषित भूमि- स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जो अकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
भूमि पर स्वामित्व-
श्रेणी 6(2) की भूमि ग्राम सभा के स्वामित्व में होती है। इसमें आबादी की भूमि को छोड़कर अन्य भूमि में किसी को भी स्वामित्व या अधिकार नहीं मिल सकता।किसी भी व्यक्ति को इस भूमि पर मालिकाना अधिकार नहीं दिया जा सकता।
खतौनी में विवरण-
श्रेणी 6(2) के अंतर्गत आने बाली भूमि आबादी, रास्ता, चकरोड़ आदि की खतौनी खोलने पर श्रेणी 6-2/अकृषित भूमि-स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जो अकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो, लिखा आता है।
प्रशासनिक नियंत्रण-
श्रेणी 6(2) की भूमि की ग्राम सभा और तहसील प्रशासन भूमि की देखरेख करते हैं।कोई भी व्यक्ति इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा नहीं कर सकता, यदि करेगा तो उसे हटाया जाएगा।
श्रेणी 6(3) की भूमि क्या है।Shreni 6(3) ki bhumi kya hoti hai
श्रेणी 6(3)- कब्रिस्तान और मरघट (श्मशान), हड़वार।
श्रेणी 6(3) की भूमि वह भूमि होती है जो ग्राम सभा की सामुदायिक भूमि कहलाती है।ऐसी भूमि को ग्राम सभा द्वारा सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित किया जाता है।इस भूमि को बेचना, गिरवी रखना या दान करना निषिद्ध है।यह भूमि विरासत में नहीं जाती, क्योंकि यह सार्वजनिक हित के लिए होती है।ग्राम सभा और तहसील प्रशासन इस भूमि की देखरेख करते हैं।कोई भी व्यक्ति इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा नहीं कर सकता, यदि करेगा तो उसे हटाया जाएगा।
जैसे- कब्रिस्तान, मरघट, हड़वार आदि।
भूमि की श्रेणी-
श्रेणी:6-3/कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।
भूमि पर स्वामित्व-
भूमि का स्वामित्व केवल ग्राम सभा के पास होता है। किसी भी व्यक्ति को इस भूमि पर मालिकाना अधिकार नहीं दिया जा सकता।
खतौनी में विवरण-
इस प्रकार की भूमि की खतौनी खोलने पर श्रेणी:6-3/कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ कर जो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो,लिखा आता है।
जैसे-
प्रशासनिक नियंत्रण-
ग्राम सभा और तहसील प्रशासन इस भूमि की देखरेख करते हैं।कोई भी व्यक्ति इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा नहीं कर सकता, यदि करेगा तो उसे हटाया जाएगा।
श्रेणी 6(4) की भूमि क्या है।Shreni 6(4) ki bhumi kya hoti hai-
श्रेणी 6(4)- जो अन्य कारणों से अकृषित हो।
श्रेणी 6(4) की भूमि वह भूमि है जिसे विशेष रूप से आरक्षित (Reserved Land) किया गया है।इस भूमि को सरकार/ग्राम सभा द्वारा पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक व सामुदायिक हितों के लिए सुरक्षित किया जाता है।श्रेणी 6(4) की भूमि ग्राम सभा या सरकार की वह भूमि जो खासतौर पर संरक्षण, वन क्षेत्र और पर्यावरणीय उद्देश्य के लिए आरक्षित होती है।इस भूमि को बेचना, गिरवी रखना, दान करना निषिद्ध है।यह भूमि किसी व्यक्ति की विरासत में नहीं जाती।
जैसे - ऊसर, युवक मंगल दल, खलिहान, खाद के गड्डे, आदि।
भूमि पर स्वामित्व-
भूमि का स्वामित्व ग्राम सभा/राज्य सरकार के पास रहता है।किसी भी व्यक्ति को इस भूमि पर कोई निजी मालिकाना अधिकार नहीं मिलता।
प्रशासनिक नियंत्रण-
ग्राम सभा व राजस्व प्रशासन इस भूमि पर निगरानी रखते हैं।कोई भी व्यक्ति इस भूमि पर कब्ज़ा नहीं कर सकता, यदि करता है तो प्रशासन उसे हटा सकता है।
खतौनी में विवरण-
इस श्रेणी की भूमि की खतौनी खोलने पर श्रेणी:6-4 / जो अन्य कारणों से अकृषित हो, लिखा आता है।
जैसे-
श्रेणी 6 की भूमि के प्रकार और विवरण सहित उदाहरण
श्रेणी | भूमि का प्रकार | विवरण | उदाहरण |
---|---|---|---|
श्रेणी 6-1 | अकृषित भूमि – जलमग्न भूमि | यह भूमि हमेशा पानी से भरी रहती है, इसलिए इसे जलमग्न भूमि कहा जाता है। | तालाब, नदी, नाली, नहर, बम्बा आदि |
श्रेणी 6-2 | अकृषित भूमि – स्थल, सड़कें, रेलवे, भवन आदि | यह भूमि गैर-कृषि कार्यों के लिए उपयोग होती है। | सड़क, रास्ता, चकरोड़, रेलवे लाइन, आबादी आदि |
श्रेणी 6-3 | कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) | यह भूमि कब्रिस्तान, मरघट या श्मशान जैसे सार्वजनिक उपयोग के लिए होती है। | कब्रिस्तान, मरघट, श्मशान, हड़बार आदि |
श्रेणी 6-4 | अन्य कारणों से अकृषित भूमि | इस भूमि का उपयोग ऊसर, खाद के गड्ढे, खलिहान, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक हितों के लिए किया जाता है। | ऊसर, खलिहान, खाद के गड्ढे आदि |
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