जमीन पैमाइश संबंधी विवाद अब मिनटों में खत्म हो जाएंगे। पैमाइश में नहीं आएगा एक सेमी का भी फर्क।खरीदी जाएंगी 1750 मशीनें।प्रत्येक तहसील को पांच-पांच मशीने दी जाएंगी
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जमीन पैमाइश संबंधी विवाद अब मिनटों में खत्म हो जाएंगे। पैमाइश में नहीं आएगा एक सेमी का भी फर्क
राज्य सरकार जमीनों की पैमाइश संबंधी विवाद को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। जमीनों की पैमाइश अब इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस) से कराई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक तहसीलों में पांच-पांच मशीनें ली जाएंगी।
राजस्व विभाग बिहार और पंजाब की तर्ज पर यूपी में ईटीएस से जमीनों की पैमाइश कराने की व्यवस्था करने जा रहा है। ईटीएस मापन प्रक्रिया के बारे में बताया जा रहा है कि मशीन से निकलने वाली किरणें जमीन की नपाई करेंगी। इससे एक सेमी का भी फर्क नहीं आएगा। ईटीएस प्रक्रिया में इसे जमीन के एक किनारे पर रखा जाएगा और दूसरे किनारे पर इसका प्रिज्म रखा जाएगा। बटन दबाते ही मशीन से किरणें निकलेंगी और प्रिज्म से प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड कर लेगी। जीपीएस का भी उपयोग नपाई में होगा। इससे नपाई का काम तो तेजी से होगा ही, साथ में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत भी नहीं होगी। राजस्व विभाग नई व्यवस्था के लिए लेखपालों को प्रशिक्षण देगा।
खरीदी जाएंगी 1750 मशीनें।प्रत्येक तहसील को पांच-पांच मशीने दी जाएंगी
राजस्व विभाग लोगों की सुविधाओं के लिए पहले चरण में प्रत्येक तहसील में पांच-पांच • इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन खरीदेगा। प्रदेश में मौजूदा समय 350 तहसीलें हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो कुल 1750 मशीनें खरीदी • जाएंगी। इन मशीनों को चलाने के लिए प्रत्येक तहसील में पांच-पांच टीमें लगाई जाएंगी। राजस्व विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार जमीनों की पैमाइश के नाम पर होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए यह उपाय करने जा रही है। इसके आने के बाद जमीन पैमाइश के नाम पर होने वाली गड़बड़ी काफी हद तक रुक जाएगी और इसके नाम पर होने वाला विवाद भी खत्म होगा। प्रदेश में अधिकतर विवाद जमीन को लेकर होता है।
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