क्रिया किसे कहते हैं, क्रिया के भेद कितने है।सकर्मक और अकर्मक क्रिया क्या हैं, परिभाषा तथा उदाहरण
क्रिया किसे कहते हैं।
किसी भी वाक्य में जिस शब्द से कार्य का पता चलता है उसे क्रिया कहते हैं।
जैसे- मोहन पानी पीता है।
लड़के ने पुस्तक पढ़ी ।
मोहन कल आगरा जाएगा।
क्रिया के भेद-
क्रिया को दो प्रकार से विभाजित किया जा सकता है।
(1) रचना की दृष्टि से-
(2) वाक्य में प्रयोग की दृष्टि से-
रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद होते हैं-
(1) सकर्मक क्रिया
(2) अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया -
वह क्रिया जिसमें कर्म होता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
वह वाक्य जिसमें क्रिया के साथ कर्म भी आता है उसे सकर्मक क्रिया का वाक्य कहते हैं।
किसी वाक्य में कर्म या फल का प्रभाव जहां पड़ता है उसे कर्म कहते हैं।
जैसे- राम विद्यालय जाता है।
लड़की पत्र लिखती है।
कर्म पहचानने के नियम- (1) वाक्य की क्रिया से क्या किसको प्रश्न करने पर यदि क्रिया कोई उत्तर देती है तो प्राप्त उत्तर कर्म होगा। और ऐसी क्रिया सकर्मक क्रिया होगी।
जैसे- लड़का फुटबॉल खेलता है।
लड़का कर्ता फुटबॉल कर्म खेलता क्रिया होती है।
नियम नंबर 2-
कई बार वाक्य में कर्म प्रत्यक्ष नहीं होता किंतु अप्रत्यक्ष रूप से कर्म उपस्थित होता है ऐसी क्रिया भी सकर्मक क्रिया कहलाती है ।
जैसे- लड़की पढ़ती है।
मोहन खाता है।
नियम नंबर 3-
कई बार वाक्य में आने वाला कर्म हमें कर्ता प्रतीत होता है और सकर्मक क्रिया होते हुए भी यह क्रिया हमें अकर्मक लगती है।
जैसे- गाड़ी चलती है।
अकर्मक क्रिया-
जिस क्रिया में कर्म नहीं होता उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं जहां संभावित कर्म भी नहीं होना चाहिए जिस वाक्य में कर्ता और क्रिया होता है प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कर्म ना हो वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे - लड़की सोती है।
कुत्ता चलता है ।
लड़का नहर में तैरता है।
पक्षी आकाश में उड़ता है।
वाक्य में प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद
वाक्य में प्रयोग के आधार पर पांच भेद होते हैं।
(1) सहायक क्रिया
(2) संयुक्त क्रिया
(3) पूर्वकालिक क्रिया
(4) द्विकर्मक क्रिया
(5) नाम बोधक क्रिया
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