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स्वर किसे कहते हैं ?स्वर की परिभाषा। हिंदी में स्वर कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित। अयोगवाह किसे कहते है।

स्वर किसे कहते हैं स्वर की परिभाषा हिंदी में स्वर कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित। अयोगवाह किसे कहते है।




स्वर क्या होते है

स्वर की परिभाषा-


जिन वर्णो का उच्चारण स्वतः होता है तथा उच्चारण में किसी दूसरे की सहायता नहीं लेते हैं, ऐसे वर्ण जिनकी सहायता से व्यंजनों का उच्चारण होता है वर्ण कहलाते हैं।

हिंदी में मूल स्वर 11 होते हैं।जो निम्न प्रकार है-


अ ,आ, इ ,ई, उ, ऊ, ऋ,ए, ऐ, ओ ,औ ।





अयोगवाह :-


ऐसे वर्ण जो ना तो स्वर होते हैं और ना ही व्यंजन होते हैं अयोगवाह कहलाते हैं। किंतु उन्हें स्वरों की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।हिंदी में 2 अयोगवाह 'अं 'तथा 'अः' है । 


अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग  कहा जाता है।


किशोरीदास बाजपेई ने अपनी पुस्तक हिंदी शब्दानुशासन में इन्हें अयोगवाह कहा है।





स्वरों का विभाजन-


स्वरो को तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है।


  • उत्पत्ति या व्युपत्ति या निर्माण के आधार पर 

  • मात्रा के आधार पर

  • जिह्वा या के उच्चारण स्थिति के आधार पर 



उत्पत्ति या व्युपत्ति या निर्माण के आधार पर स्वरों के भेद


  1. मूल स्वर

  2. दीर्घ स्वर

  3. संयुक्त स्वर



(1)मूल स्वर की परिभाषा-


वे स्वर जो सबसे पहले बने तथा अन्य स्वर जिनसे मिलकर बनते हैं उन्हें मूल स्वर कहते हैं।

  जैसे-  अ, इ ,उ ,ऋ


(2)दीर्घ स्वर की परिभाषा-


एक ही मूल स्वर को दो बार जोड़ने पर जो उसका दीर्घ रूप बनता है उसे दीर्घ स्वर कहते हैं।

जैसे-

          अ+अ= आ

            इ+इ= ई

            उ+उ= ऊ


(3)संयुक्त स्वर की परिभाषा-


जब दो अलग-अलग स्वर आपस में जुड़े होते हैं जोड़कर एक नया स्वर बना लेते हैं तो उस नए स्वर को संयुक्त स्वर कहते हैं।

जैसे-     

            अ,आ + इ, ई = ए


            अ,आ + ए, ऐ = ऐ


            अ,आ + उ,ऊ = ओ


          अ,आ + ओ,औ = औ





मात्रा के आधार पर स्वरों के भेद


  1. हास्व स्वर

  2. दीर्घ स्वर

  3. प्लुत स्वर



(1)हास्व स्वर की परिभाषा-


वे स्वर जिनके उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता हो उसे हास्व स्वर कहते हैं।

 जैसे अ,उ,इ,ऋ


(2) दीर्घ स्वर की परिभाषा-


जिन स्वरों के उच्चारण में 2 मात्रा का समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।

जैसे- आ,ई,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ दीर्घ स्वर है

  


(3)प्लुत स्वर की परिभाषा-


वे स्वर जिनके उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगता है उन्हें लुप्त स्वर कहते हैं जितने भी दीर्घ स्वर हैं यदि उनके उच्चारण में दो मात्रा से अधिक का समय लगा तो वे प्लुप्त  हो जाते हैं

जैसे   -ओइम ।

किसी भी प्लुत स्वर के पीछे तीन लगा होता है। हिंदी में 8 प्लुत स्वर है।

आ3,ई3,ऊ3,ए3,ऐ3,ओ3,औ3



जिह्वा या के उच्चारण स्थिति के आधार पर स्वरों के भेद-


  1. अग्रस्वर  - जैसे  इ, ई, ऋ, ए, ऐ

  2. मध्य स्वर- जैसे  अ

  3. पश्व स्वर्  -जैसे  आ, ओ ,उ ,औ, ऊ


 



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