हिंदी में वर्ण किसे कहते हैं? वर्णमाला किसे कहते है? वर्णमाला के भाग कौन कौन से है? वर्णमाला की परिभाषा एवं प्रकार।
वर्ण की परिभाषा
भाषा की सबसे छोटी इकाई को ध्वनि कहते हैं,इस ध्वनि को ही वर्ण कहते हैं। अर्थात वर्ण वह मूल ध्वनि है जिस के टुकड़े या खंड नहीं किए जा सकते हैं। हिंदी में कुल 52 वर्ण है।वर्ण को ही लिपि चिन्ह भी कहते हैं।
जैसे-अ,आ,इ, ऊ,क् ,ख् ,ग् आदि।
उदाहरण- सीता और राम में चार चार मूल ध्वनियाँ है जिनके टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं।
सीता- स् + ई + त् + आ
राम- र्+आ+म्+अ
वर्णमाला की परिभाषा-
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है।
इन वर्णों के क्रमबद्ध और व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं। जो निम्न प्रकार हैं-
वर्णमाला के भाग
वर्णमाला के 2 भाग होते हैं
(1) स्वर
(2) व्यंजन
स्वर की परिभाषा-
जिन वर्णो का उच्चारण स्वतः होता है तथा उच्चारण में किसी दूसरे की सहायता नहीं लेते हैं, ऐसे वर्ण जिनकी सहायता से व्यंजनों का उच्चारण होता है वर्ण कहलाते हैं।
हिंदी में कुल 11 स्वर होते हैं।जो निम्न प्रकार है-
अ ,आ, इ ,ई, उ, ऊ, ऋ,ए, ऐ, ओ ,औ ।
अयोगवाह-
ऐसे वर्ण जो ना तो स्वर होते हैं और ना ही व्यंजन होते हैं अयोगवाह कहलाते हैं। किंतु उन्हें स्वरों की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।हिंदी में 2 अयोगवाह 'अं 'तथा 'अः' है । अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग कहा जाता है।
किशोरीदास बाजपेई ने अपनी पुस्तक हिंदी शब्दानुशासन में इन्हें अयोगवाह कहा है।
व्यंजन की परिभाषा-
जो वर्ण स्वरों की सहायता के बिना ना बोले जा सके या जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता ली जाती हैं वे व्यंजन कहलाते हैं। व्यंजनों के उच्चारण में वायु मुख से बाधित होती हैं। हिंदी में व्यंजनों की संख्या 33 है।
(1) स्पर्श व्यंजन। - 25
(2) अंतस्थ व्यंजन - 4
(3) ऊष्म व्यंजन - 4