भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक खेलों का इतिहास |Hockey Team india Olympic history
भारत के ओलंपिक हॉकी इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय दर्ज है। भारतीय हॉकी टीम ने 1928 में एम्स्टर्डम ओलंपिक में पहली बार स्वर्ण पदक जीता था, जो कि भारतीय हॉकी के स्वर्णिम युग की शुरुआत मानी जाती है। इसके बाद भारत ने 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) के ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल किया।भारतीय हॉकी टीम ने 1948 (लंदन), 1952 (हेलसिंकी), 1956 (मेलबर्न), 1964 (टोक्यो) और 1980 (मॉस्को) के ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता। इस तरह से भारत ने कुल आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं, जो किसी भी देश द्वारा हॉकी में सबसे अधिक है।भारतीय हॉकी के इन सफलताओं में दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद का विशेष योगदान रहा। ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है, और उनकी भूमिका ने भारतीय टीम को कई बार जीत दिलाई।हालांकि 1980 के बाद से भारतीय हॉकी का प्रदर्शन थोड़ा गिरा, लेकिन फिर भी भारत ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में 41 वर्षों के बाद कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित किया।इसके बाद 2024 में भी लगातार दूसरी बार कांस्य पदक अपने नाम किया है |भारतीय हॉकी का ओलंपिक इतिहास न केवल खेल प्रेमियों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह भारत के खेल इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।