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वाच्य किसे कहते है।वाच्य के कितने भेद हैं।Vachay kise kehte hai।Vachay ke bhed।

वाच्य किसे कहते है।वाच्य के कितने भेद होते है।कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य,भाववाच्य की परिभाषा तथा उदाहरण।

Vachay kise kehte hai



वाच्य किसे कहते हैं


वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय आता क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है कर्म है अथवा भाव उसे वाच्य

कहते हैं ।

जैसे - सोनिया खेल रही है। 

इस वाक्य में खेलने का मुख्य विषय सोनिया अर्थात कर्ता है इसीलिए यह कर्तृवाच्य वाक्य है।




वाच्य के भेद- 


वाच्य के तीन भेद होते है।


कर्तृवाच्य-  


इसमें कथन का केंद्र कर्ता होता है कर्म गौण होता है कर्तृवाच्य में क्रिया अकर्मक भी हो सकती है और सकर्मक भी ।

जैसे   राजीव सोता है      (अकर्मक) 

       राजीव पुस्तक पढ़ता है ।    ( सकर्मक) 

इन दोनों वाक्यों में कर्ता ही वाक्य का केंद्र बिंदु है अतः यह कर्तृवाच्य है।



कर्मवाच्य -  


जिस वाक्य  में केंद्र बिंदु करता ना होकर कर्म हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं कर्म की प्रधानता के कारण या तो कर्ता का लोप हो जाता है या कर्ता के बाद से अथवा द्वारा का प्रयोग होता है । 


जैसे - सोनिया से गीत गाया । 

         पतंग उड़ रही है। 

         रोगी को दवाई दे दी गई है ।


इन तीनों वाक्यों में क्रमस:" गीत " "पतंग "और "दवाई "कर्म है यही अपने -अपने वाक्यों के केंद्र बिंदु भी हैं ।अतः ये कर्मवाच्य वाक्य है ।कर्मवाच्य में कर्ता की असमर्थता सूचित करने वाले वाक्य भी होते हैं ।इनमें करता के साथ 'से 'अथवा 'द्वारा' लगता है और क्रिया के साथ निषेधात्मक 'नहीं' का प्रयोग होता है ।


जैसे -   मुझसे यह दृश्य देखा नहीं जाएगा।

          मोहिनी से भोजन ना हो सका। 

सकर्मक क्रिया से व्युत्पन्न अकर्मक क्रिया वाले वाक्य सकर्मक कहलाते हैं ।

जैसे  -   दरवाजा खुल गया। 

          गिलास टूट गया।



भाववाच्य  -


जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता न होकर अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख हो उसे भाववाच्य कहते है ।

ऐसे वाक्य में क्रिया सदा एकवचन, पुलिंग, अकर्मक तथा अन्य पुरुष में रहती है।

 

जैसे-     सोहन से चला नहीं जाता। 

           अब मुझसे सहा नहीं जाता। 

इनमे क्रमशः ' चला 'तथा 'सहा' क्रियाये ही प्रमुख है।  



                  अभ्यास प्रश्न


प्रश्न- कर्ता कर्म या भाव  क्रिया के संबंध को प्रकट करने वाले को क्या कहते हैं।

उत्तर- वाच्य।

 

प्रश्न- वाच्य कितने प्रकार के होते हैं।

उत्तर- 3

 

प्रश्न- क्रिया के जिस रुप से कर्ता का पता चलता है उसे कहते हैं। 

उत्तर- कर्तृवाच्य।


प्रश्न- कर्तृवाच्य में प्रधानता होती है ।

उत्तर- कर्ता की। 


प्रश्न- क्रिया द्वारा कही गई बात में प्रधान कर्म होने पर कौन सा वाच्य होता है। 

उत्तर- कर्मवाच्य। 


प्रश्न- कर्तृवाच्य में क्रिया होती है।  

उत्तर- कर्ता के अनुसार।

 

प्रश्न- निम्न में से भाववाचक का उदाहरण है। उत्तर- मां से उठा नहीं जाता।

 

प्रश्न- वह कहानी लिखता है। वाक्य में वाच्य है ।

उत्तर- कर्तृवाच्य।

प्रश्न-  वह हसती है वाक्य का भाववाचक रूप क्या होगा ।

उत्तर- वह अच्छी नहीं है।

 

प्रश्न- रवि कहानी लिखता है वाक्य का कर्मवाच्य रूप है। 

उत्तर- रवि के द्वारा कहानी लिखी जाती है।

 

प्रश्न- भाव वाच्य में क्रिया होती है। 

उत्तर- भाव के अनुसार।

 

प्रश्न- कर्ता और कर्म की प्रधानता नहीं होती है ।

उत्तर- भाव वाच्य में।


प्रश्न- माली पौधे लगाता है वाक्य है। 

उत्तर- कर्तृवाच्य।


प्रश्न- किस बात में सदैव अकर्मक क्रिया प्रयुक्त होती है। 

उत्तर- भाव वाच्य।

 

प्रश्न- दादी जी से अखबार पढ़ा जाता है वाक्य में वाच्य है ।

उत्तर- कर्म वाच्य। 


प्रश्न- नेहा गाना गाती है वाक्य में क्रिया है। 

उत्तर- कर्ता के अनुसार। 


प्रश्न- मुझसे पत्र लिखा जाता है वाक्य में क्रिया है। 

उत्तर- कर्म के अनुसार। 


प्रश्न- भाव वाच्य में क्रिया सदा रहती है। 

उत्तर- अकर्मक

 

प्रश्न- भाव वाच्य में वाक्य का काल होता है।  उत्तर- भूतकाल में ।


प्रश्न- किस वाक्य में कर्ता के बाद से या द्वारा प्रयोग किया जाता है ।

उत्तर- कर्मवाच्य।


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